इज़ाफ़ा
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और इस तरह उम्र के मीटर में फ़िर इज़ाफ़ा हो गया…
यह पिछला किलोमीटर जो गुज़रा, यह भी याद रहेगा…
कुछ नया सीखा,
कुछ नए दोस्त बनाए।
कुछ अपनी शख्सियत में भी नया पाया,
कुछ कुछ तो मैंने बहुत अच्छा गाया।
कुछ नयी ख्वाहिशें जागीं,
कुछ मंजिलें मुझसे और दूर भागीं।
कुछ लोग फलसफा दे गए,
और कुछ लोग कहीं जा रहे थे, मुझे भी साथ ले गए।
कुछ खुद को भी बदला,
कुछ तो रहा मैं फ़िर भी पगला।
कुछ बिन मांगे भी मिल गया कई बार,
वैसे अच्छा ही रहा यह भी साल।
सोच ही रहा था मैं यह सब, जब आवाज़ आयी…
साहब यह मीटर खराब है, बाहर देखिए, नज़ारा लाजवाब है 👌
Enjoy the Journey, Gratitude